
पीठ और रीढ़ के लिए लाभकारी : कॉमन योग प्रोटोकॉल का दण्डासन
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दण्डासन (Dandasana): रीढ़ की मजबूती के लिए श्रेष्ठ आसन
योग अभ्यास में जितनी महत्वपूर्ण आसनों की गति होती है, उतनी ही महत्वपूर्ण होती है आसनों की स्थिरता। दण्डासन (Dandasana) एक ऐसा ही सरल, लेकिन अत्यंत प्रभावकारी आसन है, जो शरीर को स्थिरता देने के साथ-साथ आसनों की नींव मजबूत करता है। इसे “स्टाफ पोज़ (Staff Pose)” भी कहा जाता है। कॉमन योग प्रोटोकॉल (Common Yoga Protocol – CYP) में इसे विशेष महत्व दिया गया है।
दण्डासन का अर्थ
‘दण्ड’ का अर्थ है छड़ी या डंडा। इस आसन में शरीर की स्थिति सीधी छड़ी की तरह होती है। यह आसन बैठने की सही मुद्रा को सिखाता है और आगे किए जाने वाले अन्य बैठने वाले आसनों की आधारशिला तैयार करता है।
दण्डासन करने की विधि (Steps to Perform Dandasana)
- समतल स्थान पर योगा मैट बिछाकर दोनों पैरों को आगे फैलाकर सीधे बैठ जाएं।
- पैरों को आपस में मिलाकर रखें और पंजे ऊपर की ओर खिंचे हुए रहें।
- हाथों की हथेलियों को जांघों या जमीन पर रखें, उंगलियां आगे की ओर।
- रीढ़ की हड्डी बिल्कुल सीधी रखें।
- गर्दन, सिर और पीठ एक सीध में रहें।
- इस अवस्था में धीरे-धीरे सांस लें और छोड़े।
- प्रारंभ में 1-2 मिनट तक, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं।
दण्डासन के लाभ (Benefits of Dandasana)
✅ रीढ़ की हड्डी को सीधा व मजबूत बनाता है।
✅ कंधों और पीठ के बल को संतुलित करता है।
✅ घुटनों, टखनों और जांघों में मजबूती लाता है।
✅ श्वसन प्रणाली में सुधार करता है।
✅ ध्यान और प्राणायाम के लिए बैठने की सही मुद्रा तैयार करता है।
✅ शरीर की मुद्रा (Posture) को बेहतर बनाता है।
दण्डासन कौन कर सकता है?
- दण्डासन सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है, विशेषकर वे लोग जो अधिकतर समय बैठकर काम करते हैं या जिनकी रीढ़ झुकी हुई रहती है।
सावधानियां (Precautions)
❗️ पीठ या कंधे में गंभीर दर्द होने पर चिकित्सक या योग प्रशिक्षक से सलाह लें।
❗️ घुटनों या पीठ में जकड़न हो तो अभ्यास को धीरे-धीरे करें।
❗️ आसन करते समय शरीर को ज़्यादा खींचने की कोशिश न करें।
दण्डासन क्यों करें?
- अगर आप योग में शुरुआत कर रहे हैं, तो दण्डासन आपको आसन में अनुशासन और स्थिरता सिखाता है। यह आगे किए जाने वाले पश्चिमोत्तानासन, जानुशीरषासन जैसे बैठकर किए जाने वाले योगासनों की तैयारी कराता है।
- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के इस पावन अवसर पर आइए, हम दण्डासन को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और शरीर को भीतर से मजबूत बनाएं।
- क्या आप दण्डासन का अभ्यास कर रहे हैं? अपने अनुभव हमें नीचे कमेंट में जरूर बताएं।
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योगाचार्य सुषमा
योगाचार्य सुषमा विगत 17 वर्षों से योग प्रचार-प्रसार एवं प्राकृतिक जीवनशैली जागरूकता में सक्रिय हैं। 2018 से ‘आयुष्य मन्दिरम्’ के साथ जुड़कर हजारों निशुल्क योग कार्यक्रम आयोजित कर चुकी हैं। सैकड़ों सम्मान-पत्रों से अलंकृत, एवं इंटरनेशनल योग ऑर्गेनाइजेशन की पूर्व ब्रांड एम्बेसडर रही हैं।
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June 17, 2025 at 5:38 pmMam! ‘m Dr. Ruchika your yoga student. Very good article madam.